Thursday, November 16, 2023

मंगल देवता (ग्रह) को प्रसन्न करने के उपाय


—हनुमानजी की आराधना (हनुमान चालीसा, सुंदरकाण्ड का पाठ और हनुमानजी को चोला चढ़ाने) से मंगल देवता संतुष्ट हो जाते हैं और अशुभ फल नहीं प्रदान करते हैं ।

—रुद्राभिषेक से मंगल ग्रह के विपरीत प्रभाव की शांति होती है ।

—मंगल देवता के नामों का पाठ करने से ऋण से मुक्ति मिलती है । 

—तांबे के भौम-यन्त्र को हनुमानजी की मूर्ति या चित्र के सामने रख कर उसकी लाल पुष्प और लाल चंदन से पूजा करने से शीघ्र ही मंगल ग्रह की अशुभता दूर होने लगती है ।

—मंगल ग्रह के कुप्रभावों की तीव्रता कम करने में ‘अंगारक कवच’ का पाठ भी विशेष फलदायी है ।

—स्कन्दपुराण में मंगल देवता की प्रसन्नता के लिए ‘मंगल स्तोत्र’ या ‘अंगारक स्तोत्र’ का वर्णन है; जो इस प्रकार है—

अंगारक: शक्तिधरो लोहितांगो धरासुत: ।
कुमारो मंगलो भौमो महाकायो धनप्रद: ।।
ऋणहर्ता दृष्टिकर्ता रोगकृतदोषनाशन: ।
विद्युत्प्रभो व्रणकर: कामदो धनहृत् कुज: ।।
सामगानप्रियो रक्तवस्त्रो रक्तायतेक्षण: ।
लोहितो रक्तवर्णश्च सर्वकर्मावबोधक: ।
रक्तमाल्यधरो हेमकुण्डली ग्रहनायक:।
नामान्येतानि भौमस्य य: पठेत्सततं नरं ।।
ऋणं तस्य च दौर्भाग्यं दरिद्रयं च विनश्यति ।
धनं प्राप्नोति विपुलं स्त्रियं चैव मनोरमाम् ।
वंशोद्दयोतकरं पुत्रं लभ्यते नात्र संशय: ।
योऽर्चयेदह्नि भौमस्य मंगलं बहुपुष्पकै: ।।
सर्वा नश्यन्ति पीडाश्च तस्य ग्रहकृता ध्रुवम् ।।

इस स्तोत्र का भाव है कि धरतीपुत्र मंगल आप ऋण हरने वाले और रोगनाशक हैं । रक्त वर्ण, रक्तमालाधारी, ग्रहों के नायक आपकी आराधना करने वाला अपार धन और पारिवारिक सुख पाता है ।

ब्रह्माण्डपुराण में मंगल-ग्रह की पीड़ा दूर करने के लिए यह श्लोक बताया गया है—

भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा ।
वृष्टिकृद् वृष्टिहर्ता च पीडां हरतु मे कुज: ।।

अर्थात्—भूमि के पुत्र, महान तेजस्वी, जगत को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि (वर्षा) करने वाले तथा वृष्टि न करने वाले मंगल ग्रह मेरी पीड़ा का हरण करें ।

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संपादक के बोल

मंगल देवता (ग्रह) को प्रसन्न करने के उपाय

—हनुमानजी की आराधना (हनुमान चालीसा, सुंदरकाण्ड का पाठ और हनुमानजी को चोला चढ़ाने) से मंगल देवता संतुष्ट हो जाते हैं और अशुभ फल न...