Sunday, September 19, 2021

ओबीसी समाज सहित जातीगत जनगणना की आदरणीय प्रधानमंत्री जी को बिहार प्रतीपक्ष नेता तेजस्वी यादवजी ने लिखा पत्र

आज जातिगत जनगणना की माँग को लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी को नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav  जी ने पत्र लिखा। 

जातिवार जनगणना की माँग जात पात की राजनीति नहीं, बल्कि देशहित मानवहित में तथा गरीब व वंचित समाज के उत्थान के लिए एकआज जातिगत जनगणना की माँग को लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी को नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav  जी ने पत्र लिखा। 
 नविदिल्ली 13ऑगस्ट
जातिवार जनगणना की माँग जात पात की राजनीति नहीं, बल्कि देशहित मानवहित में तथा गरीब व वंचित समाज के उत्थान के लिए एक अत्यावश्यक कदम है। कोई वर्ग यह ना समझे कि जातिगत जनगणना करवाना उनके हितों को दबाने वाला एक कदम होगा। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनीतिक पिछड़ापन एक बीमारी है। रोग से मुँह मोड़ने से नहीं बल्कि उसके जड़ में जाकर, उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर उत्थान व समावेशीकरण के उपाय करने से ही उपचार होगा।
यह सर्वविदित है कि देश में सामाजिक रूप से सबसे पिछड़े OBC, SC, ST और EWS हैं। अगर सबकी संख्या की सही जानकारी नहीं होगी तो उनके उत्थान के लिए प्रयास कैसे होंगे?

सरकार ने संविधान संशोधन से OBC बिल पास किया है। OBC बिल से राज्य सरकारों को किसी को भी पिछड़ा श्रेणी में शामिल करने का अधिकार मिल गया है। जो कमरा 4 लोगों के लिए बना है, अगर उसमें 15 लोग डाले जाएंगे तो कमरे को भी बढ़ाने की जरूरत है। अब केंद्र सरकार को पिछड़े वर्ग की आरक्षण सीमा 27% से बढ़ाकर 50 फ़ीसदी से अधिक करनी चाहिए। अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करेगी तो आंदोलन होगा।

हमने माँग की है कि केंद्र सरकार अविलंब आरक्षित कोटे से बैकलॉग की रिक्तियाँ भरें। सरकार मंडल कमीशन की बाक़ी सिफ़ारिशें भी तुरंत लागू करें।
सरकार क्रीमी लेयर की तय आय 8 लाख की सीमा को बढ़ाकर 15 लाख किया जाए। केंद्र सरकार इसे जानबुझ कर लटका रही है।

प्रो. Ram Bali Singh Chandravanshi जी की वाल से c/p अत्यावश्यक कदम है। कोई वर्ग यह ना समझे कि जातिगत जनगणना करवाना उनके हितों को दबाने वाला एक कदम होगा। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनीतिक पिछड़ापन एक बीमारी है। रोग से मुँह मोड़ने से नहीं बल्कि उसके जड़ में जाकर, उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर उत्थान व समावेशीकरण के उपाय करने से ही उपचार होगा।

यह सर्वविदित है कि देश में सामाजिक रूप से सबसे पिछड़े OBC, SC, ST और EWS हैं। अगर सबकी संख्या की सही जानकारी नहीं होगी तो उनके उत्थान के लिए प्रयास कैसे होंगे?

सरकार ने संविधान संशोधन से OBC बिल पास किया है। OBC बिल से राज्य सरकारों को किसी को भी पिछड़ा श्रेणी में शामिल करने का अधिकार मिल गया है। जो कमरा 4 लोगों के लिए बना है, अगर उसमें 15 लोग डाले जाएंगे तो कमरे को भी बढ़ाने की जरूरत है। अब केंद्र सरकार को पिछड़े वर्ग की आरक्षण सीमा 27% से बढ़ाकर 50 फ़ीसदी से अधिक करनी चाहिए। अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करेगी तो आंदोलन होगा।

हमने माँग की है कि केंद्र सरकार अविलंब आरक्षित कोटे से बैकलॉग की रिक्तियाँ भरें। सरकार मंडल कमीशन की बाक़ी सिफ़ारिशें भी तुरंत लागू करें।

सरकार क्रीमी लेयर की तय आय 8 लाख की सीमा को बढ़ाकर 15 लाख किया जाए। केंद्र सरकार इसे जानबुझ कर लटका रही है।

प्रो. Ram Bali Singh Chandravanshi जी की वाल से c/p ऑगस्ट 2021की पोस्ट
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Prashant borkar maharastra

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