Saturday, June 20, 2020
विद्यार्थी-पालकांचे शोषण थांबवा, जबरदस्तीची शाळा फी वसुली थांबवा" प्रहार ची मुंबईत मागणी
भारत के लोगोको जबरदस्त खूशखबर ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने निकाली कोरोना पर दवा,,,
बडी खुशखबरीः आ गई कोरोना की दवा
नई दिल्ली। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड-19 से मामूली और मध्यम रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिरविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
फैबिफ्लू कोविड-19 के उपचार के लिए भारत में पहली मौखिक फेविपिरविर अनुमोदित दवा है। इसकी सिफारिश पहले दिन में 1,800 मिलीग्राम दो बार और उसके बाद रोजाना 14 दिनों तक 800 मिलीग्राम दो बार की गई है। टैबलेट का उत्पादन कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश के बद्दी में किया जा रहा है। ग्लेनमार्क ने कहा कि यह दवा अस्पतालों और खुदरा चैनल दोनों माध्यम से उपलब्ध होगी। ग्
मुंबई की कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) से इस दवा के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है। कंपनी ने कहा कि फैबिफ्लू कोविड-19 के इलाज के लिए पहली खाने वाली फेविपिरविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। यह दवा लगभग 103 रुपये प्रति टैबलेट की दर से बाजार में उपलब्ध होगी।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कहा कि यह दवा 34 टैबलेट की स्टि्रप के लिए 3,500 रुपये के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 200 मिलीग्राम टैबलेट के रूप में उपलब्ध होगी। ग्लेमार्क फार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, यह मंजूरी ऐसे समय मिली है, जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेग
फक्त रावेर शिवारा करिता-तूर बियाणे 0.४0 हेक्टर (1एकर ) करिता,व रा खते (डी बी टी )व कीटक नाशके मिळतील तरी त्वरित पुढील मो क्र वर संम्पर्क साधावा--7972038068 सचिन गायकवाड(कृषि सहाय्यक -रावेर
अक्रोड कधी खावेत
कु.श्रद्धा बबनराव उदावंत यांनी MPSC च्या मुख्य परीक्षेत राज्यात ४ था क्रमांक मिळवून उपजिल्हाधिकारी म्हणून निवड
Friday, June 19, 2020
नुतन जिल्हाधिकारी अभिजीत राऊत यांनी कार्यभार स्वीकारला*
शिवसेनेच्या ५४ व्या वर्धापन दिनानिमित्ताने पक्षप्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धवजी ठाकरे साहेब यांना वर्धापन दिनाच्या शुभेच्छा
Thursday, June 18, 2020
अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारतीय मूल की प्रीति पटेल कैबिनेट में देश का गृह मंत्री बनाया है।
पटना में गंगा में सुशांत सिंह राजपूत की अस्थि विसर्जित की गई और आखरी विदाई दी गयी। 😢बिहार के इस लाल को विनम्र श्रद्धांजलि।
Tuesday, June 16, 2020
जळगाव जिल्ह्यातील राजकिय व्यक्ती चा कोरोनामूळे बळी अजून ही जिल्हा त प्रशासन व जनता गंभीरपणे विचार करत नाही
ना हरिभाऊ जावळे यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पण.
Wednesday, June 10, 2020
विधानसभा अध्यक्ष @NANA_PATOLE यांची मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांच्याकडे शिफारस.
गोपीनाथ मुंडे शेतकरी अपघात विमा योजनेतखातेदार शेतकऱ्यासह कुटुंबातील एकाचा समावेश
वायरल महत्त्वाचा मॅसेज------*रात्रीचं जेवण उशिरा करु नये*-------------------------------
Monday, June 8, 2020
WHYRal 👌क्योंकि यदि हमारे लोग आगे बढ़ेंगे तो हम तो आगेबढ़ेंगे ही
अपने साथ अपने लोगों को लेकर चलें
बहुत समय पहले की बात है एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे. उनके गुरुकुल में बड़े-बड़े राजामहाराजाओं के पुत्रों से लेकर साधारण परिवार के लड़के भीपढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और सभी बड़ेउत्साह के साथ अपने अपने घरों को लौटने की तैयारी कर रहे थे कि तभी ऋषिवर की तेज आवाजसभी के कानो में पड़ी,“आप सभी मैदानमें एकत्रित हो जाएं।“
आदेश सुनते हीशिष्यों ने ऐसा ही किया।
ऋषिवर बोले, “प्रिय शिष्यों, आज इस गुरुकुल में आपका अंतिम दिन है. मैं चाहता हूँ कि यहाँ से प्रस्थान करने से पहले आप सभी एक दौड़ में हिस्सा लें. यह एक बाधा दौड़ होगी और इसमें आपको कहीं कूदना तो कहीं पानी में दौड़ना होगा और इसके आखिरी हिस्से में आपको एक अँधेरी सुरंग से भी गुजरना पड़ेगा.”
तो क्या आप सब तैयार हैं ?”
”हाँ, हम तैयार हैं”, शिष्य एक स्वर में बोले.
दौड़ शुरू हुई.
सभी तेजी से भागने लगे. वे तमाम बाधाओं को पार करते हुए अंत में सुरंग के पास पहुंचे. वहाँ बहुत अँधेरा था और उसमे जगह जगह नुकीले पत्थर भी पड़े थे जिनके चुभने पर असहनीय पीड़ा का अनुभव होता था. सभी असमंजस में पड़ गए, जहाँ अभी तक दौड़ में सभी एक सामान बर्ताव कर रहे थे वहीँ अब सभी अलग अलग व्यवहार करने लगे ; खैर, सभी ने जैसे-तैसे दौड़ ख़त्म की और ऋषिवर के समक्ष एकत्रित हुए।
“पुत्रों ! मैं देख रहा हूँ कि कुछ लोगों ने दौड़ बहुत जल्दी पूरी कर ली और कुछ ने बहुत अधिक समय लिया, भला ऐसा क्यों ?”, ऋषिवर ने प्रश्न किया।
यह सुनकर एक शिष्य बोला, “गुरु जी, हम सभी लगभग साथ साथ ही दौड़ रहे थे पर सुरंग में पहुचते ही स्थिति बदल गयी. कोई दुसरे को धक्का देकर आगे निकलने में लगा हुआ था तो कोई संभलसंभल कर आगे बढ़ रहा था. और कुछ तो ऐसे भी थे जो पैरों में चुभ रहे पत्थरों को उठा उठा कर अपनी जेब में रख ले रहे थे ताकि बाद में आने वाले लोगों को पीड़ा ना सहनी पड़े. इसलिए सब ने अलग अलग समय में दौड़ पूरी की.”
“ठीक है ! जिन लोगों ने पत्थर उठाये हैं वे आगे आएं और मुझे वो पत्थर दिखाएँ“, ऋषिवर ने आदेश दिया.
आदेश सुनते ही कुछ शिष्य सामने आये और पत्थर निकालने लगे. पर ये क्या जिन्हे वे पत्थर समझ रहे थे दरअसल वे बहुमूल्य हीरे थे. सभी आश्चर्य में पड़ गए और ऋषिवर की तरफ देखने लगे.
“मैं जानता हूँ आप लोग इन हीरों के देखकर आश्चर्य में पड़ गए हैं.” ऋषिवर बोले।
“दरअसल इन्हेमैंने ही उस सुरंग में डाला था,और यह दूसरों के विषय में सोचने वालेशिष्यों को मेरा इनाम है।
इस दौड़ से हमे यह समझने की जरुरत है की आज के युग में यदि हम आगेबढ़ना चाहतें हैं, या हम अपने सपनो को पूरा करना चाहतें हैं तो जरुरी है की हम अपनेसाथ अपने लोगों को लेकर चलें, क्योंकि यदि हमारे लोग आगे बढ़ेंगे तो हम तो आगेबढ़ेंगे ही
जब इंद्रदेव किसानों से नाराज़ हो गए तब उन्होंने कहा, "अगले बारह साल तक बारिश नहीं होगी और आप फसल नहीं ले पाएंगे"
सत्यकथा,, दानविर रहीम जो दान देते वक्त नजरे नीचे झुका लेता था,
Sunday, June 7, 2020
आराध्या पब्लिक वेल्फेअर नेशनल चॅरिटेबल ट्रस्टतर्फे तरुण तडफदार टीमचे सम्पादक प्रशांत बोरकर यांना सन्मानपत्र
*सांसों की कीमत ?*हवा पर्यावरण का मह्त्व बेहतरीन सत्यकथा
Saturday, June 6, 2020
मानवी हक्क (भाग-2)
संपादक के बोल
मंगल देवता (ग्रह) को प्रसन्न करने के उपाय
—हनुमानजी की आराधना (हनुमान चालीसा, सुंदरकाण्ड का पाठ और हनुमानजी को चोला चढ़ाने) से मंगल देवता संतुष्ट हो जाते हैं और अशुभ फल न...
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येवला येथे पेठणी लोकप्रिय असले तरी तेथील माणसे ही तेवढीच आपुलकीने वागनारी आहेत. आमचे येवला येथे येणे जाणे झाले आम्हाला घ्यायला मनमाड स्टेशन ...
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🌱🌱🌱जनहितार्थ प्रसिध्द* ✅ *मूलभूत अधिकार* मूलभूत अधिकार व्यक्तीला मूलभूत अधिकार असतात आणि ते अबाधित राखण्याची जबाबदारी शासनावर असते, हा वि...
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..... आज अनेक जण राहतात मुंबईत पण त्यासाठी चा लढा पर्श्यभुमी लक्षात घेतली पाहिजे..आता आता आले मुंबईत म्हणून काही मुबईंमोठी झाली...