Sunday, June 7, 2020

*सांसों की कीमत ?*हवा पर्यावरण का मह्त्व बेहतरीन सत्यकथा


*इटली में कोरोना संक्रमण से एक 93 साल का बूढ़ा व्यक्ति ठीक हुआ और जब वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने लगा तब उसे उस अस्पताल के स्टॉफ ने एक दिन के वेंटिलेटर के इस्तेमाल करने का बिल 500 यूरो थमा दिया जो किसी कारणवश छूट गया था।* 
*जिसे देखकर वह बूढ़ा व्यक्ति ज़ोर ज़ोर से रोने लगा।* 
*उसे रोते देख के डॉक्टर ने उस बूढ़े व्यक्ति को कहा आप रोइए मत, यदि आप यह बिल नहीं भर सकते हैं तो जाने दीजिए।*
*तब उस बूढ़े व्यक्ति ने एक ऐसी बात कही जिसे सुनकर सारा स्टॉफ रोने लग गया।* 
*उसने कहा कि मैं बिल की रकम पर नहीं रो रहा और न ही मैं इसे चुकाने में असमर्थ हूँ, मैं यह बिल भर सकता हूँ।* 

*मैं तो इसीलिये रो रहा हूँ कि मैं 93 साल से ये सांसें ले रहा हूँ किन्तु मैंने कभी भी उसकी पेमेंट नहीं की। यदि एक दिन के सांस लेने की कीमत 500 यूरो है तो आपको पता है कि मुझे भगवान को कितनी रकम चुकानी है ?*
*इसके लिए मैंने कभी भी भगवान का धन्यवाद नहीं किया।*

*ईश्वर का बनाया हुआ यह संसार, यह शरीर, ये सांसे अनमोल हैं जिनकी पेमेंट हम उसका शुक्रिया करके एवं उसकी स्तुति, प्रार्थना, दान व उपासना करके कर सकते हैं ।।*
*हर क्षण उसे शुक्रिया कहो, बख्शी गई हर एक सांस के लिए*......
*एसलीये पेड लागावं,, पर्यावरण बचाव🎋🎋🥈🥇🌎🌍🥗🌳🌲🌱☘️🍀🐸🐥🐤🐣🕊️🐦🐧
संकलन ,सुयश प्रशांत बोरकर नेचर लव्हर क्लब रावेर

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