Saturday, February 22, 2020

स्वामी विवेकानंद यांचे विचार

 सत्‍य, पवित्रता और नि:स्‍वर्थता विद्यमान है, उन्‍हें स्‍वर्गलोक, मृत्‍युलोक और पाताललोक की कोई भी शक्ति कुछ क्षति नहीं पहुँचा सकती. इन गुणों के रहने पर चाहे समस्‍त विश्‍व ही किसी व्‍यक्ति के विरूद्ध क्‍यों न हो जाये, वह अकेला ही उसका सामना कर सकता है.

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